गुरुवार, 2 अप्रैल 2009

एक पत्थर को देखा.....

"एक पत्थर को देखा.....,
मैंने करीब जाकर.
समझना चाहा जो उसकी ज़िन्दगी को,
बहुत दुःख हुआ मुझे,
पत्थर को तन्हा पाकर."