मैंने कब कहा था तुमसे मुझे उपहार चाहिए
मैंने कब कहा था तुमसे मुझे श्रृंगार चाहिए
मैंने कब कहा था तुमसे मुझे फूलों का हार चाहिए
मैंने कब कहा था तुमसे मुझे महलों का राज चाहिए
मैंने कब कहा था तुमसे मुझे ऐशोआराम चाहिए
मुझे नहीं चाहिए तुमसे कोई महल धन दौलत
मुझे तो बस प्यार से सींचा हुआ घर परिवार चाहिए
मुझे तो बस हर पल तुम्हारा साथ अपने साथ चाहिए
मुझे तो बस हर पल तुम्हारा संग सहारा अधिकार चाहिए
तुम्हें बस अपना कह सकूँ इतना सा अधिकार चाहिए
मुझे तो बस अपने लिए तुमसे थोड़ा सा प्यार चाहिए
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