Khoobsurat alfaazon ka safar.....
सबसे अलग सबसे जुदा थी
मौन अलग और बोल अलग
ख़ुद की हर बात पे फ़िदा थी
तुम नहीं समझोगे
तुमने देखा ही कहाँ
कभी मेरी तरफ़ मुड़कर
देखते तो पाते मुझे अलग
औरों की तरह मुझे भी
ग़लत समझ लिया तुमने
अब वक़्त नहीं है
समझने समझाने का
अब जियो तुम अलग
और मैं अलग
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