समुंदर की गहराईयों में उतर के तो देखो
एक और नए इत्तेफक से गुज़र के तो देखो
लहरों की आवाज़ भला कहती है क्या?
कभी उनमें जाकर सिमट कर तो देखो
साहिल के किनारे पर खामोशी है बहुत
दिल की धड़कन से ये पूछ कर तो देखो
वो जो एक शख्श तन्हा दिखाई देता है
कहो उस से जाकर ज़रा संभल के तो देखो.
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