सोमवार, 24 जनवरी 2022

" रुकना तेरा काम नहीं, चलना तेरी शान "

माना कि रात काली है, मग़र अनगिनत सितारों वाली है

ढलने वाली है रात, क्योंकि सूरज की बारी आनेवाली है


माना कि रास्ते कठिन हैं मग़र मंज़िल आने वाली है

निराश ना हो परेशान ना हो, सफलता मिलने वाली है


परीक्षा की घड़ी बहुत सख़्त और मंज़िल बेहद करीब है

हौसला और हिम्मत सबकी जेब है, नहीं कोई ग़रीब है


सफ़र लंबा और राह विषम, तुम्हें कभी घबराना नहीं है

चलते रहो राह निरंतर धीरे ही सही, लड़खड़ाना नहीं है


ये रात अंधेरी है मगर जुगनुओं वाली है, डरना नहीं है

इस छोटी रोशनी में तुझे चलते रहना है, रुकना नहीं है


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