नहीं भूलती कभी वो रात
थी कुछ अलग बाकी रातों से वो रात
ऐसी नहीं थी कोई बड़ी बात
पर जाने कैसे बन गयी बिन बात वो बात
नहीं कही जाती थी किसी से
दिल पर लगी थी एक बड़ी घात
अनायास नहीं था शायद कुछ भी
शायद बिछाई थी तुमने पहले से कोई बिसात
नहीं जानती थी मैं यह सब
लगा था दिल को एक बड़ा आघात
नहीं भूलेगी ना हि मिटेगी
दिल ओ दिमाग़ से वो एक रात....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें