सोमवार, 5 जुलाई 2021

ज़िंदगी के छोर पर

ज़िंदगी के छोर पर जो तुम मिल गए किसी मोड़ पर

बात करोगे नज़रंदाज़ करोगे या देखते रहोगे देखकर

चाहे जो मन करे वो तुम करना ये छोड़ा है तुम पर

मिल जाएँ जो राह पर शायद तुम कुछ देर रुकोगे

चौंक जाओगे या कुछ ठिठकोगे अनायास देख कर

शायद तुम नज़रें फेरोगे लेकिन ज़रा सोचना मुझे देखकर

क्या तुम कुछ ऐसा करोगे या तुमको कुछ याद आयेगा

कुछ सोचकर चिंता छा जायेगी तुम्हारे ललाट पर 

करीब आकर आँखें डाल कर देखोगे तुम मेरे चेहरे पर

धीरे से तुम हाथ बढ़ा कर रख दोगे अपना हाथ मेरे हाथ पर

शायद तुम उदास होगे या कुछ मुस्कुराओगे थोड़ा रुक कर

इनमें से ऐसा ही कुछ करोगे यकीं है मुझे पूरा तुम पर

उम्मीद है शायद तुम कुछ और करोगे यूँ अचानक मुझे देख कर

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