सोचा है, जो हम ना मिल सके घर, गाँव गलियारे में भी
ना मिल सके अगर हम कभी ख्यालों में या ख्वाबों में भी
कैसा होगा ऐसा जीवन सोचा नहीं, ऐसा लगता तुम्हें भी
क्या तुम बिता सकोगे कभी मुझ बिन एक पल ऐसा भी
शायद तुम रह लोगे, मग़र मैं नहीं रह सकती तुम बिन कभी
साँसों बिना तन क्या, तुम बिन जीवन क्या, ऐसा नहीं कभी
कोई जतन, लाख कोशिशें कर लो ऐसा कभी होगा नहीं
तुम ख़ुश रहो हमेशा, साथ मेरे रहो ऐसा ज़रूरी तो नहीं