Khoobsurat alfaazon ka safar.....
हर इंसान सवार है ज़िंदगी की कश्ती में
मग़र मंज़िल सबकी अलग अलग है
ना मालूम है किसी को भी अंत तक
कि किसका सफ़र कहाँ तक है और
ना किसी को अपनी मंज़िल की ख़बर है
बेशक़ ज़िंदगी की कश्ती में सब सवार हैं
सब अंजान मंज़िल की तरफ़ सफ़र में हैं
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