आदत नहीं बस तुम मेरी ज़रूरत हो
ऐसा बोल कर दरवाज़ा बंद करवा देते हो
बिन देखे बिन बात करे रह नहीं सकते हो
और मुझे मोहब्बत ना करने का मश्विरा देते हो
इश्क़ और ज़रूरत में बहुत थोड़ा ही अंतर है
तुम्हें मुझसे मोहब्बत है मुझे इश्क़ की मनाही है
ज़वाब मांगते हो मुझसे कि क्या मुझे तुमसे इश्क़ है
और कहते भी हो कि मुझे तुमसे इश्क़ नहीं करना है
ये कैसी अजब दुविधा है, तुम्हें अपना नहीं कह सकती
तुम अपना नहीं सकते और मुझे किसी और का होना नहीं है
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