हर सागर जल से भरा है
हर इंसान दुनिया में
छल से भरा है
नहीं पहचान होती
इनकी किसी से,
अजब कशिश और मिठास
होती इनकी बातों में,
पहचान ना सकोगे
आसानी से
दिल जीत लेते बहुत जल्दी
अपनी बेमानी से,
ज़ज़्बातों से खेल
आसानी से चल देते,
अपना सा मुँह लेकर हम
ठगे से बैठे देखते रह जाते!!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें