Khoobsurat alfaazon ka safar.....
जाने कहाँ से शुरूआत हुई इनकी
जाने कहाँ खतम होंगी
बचपन में ना सुना था नाम जिनका
जाने कब ये मेरे पास आती गयीं
एक एक करके अनंत हो गयी
और जिनका अंत ना हुआ
वो चिंताएँ हो गयीं l
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