Khoobsurat alfaazon ka safar.....
आज फिर एक बार उसी ख़ामोशी ने
उसी ख़ामोशी से मेरा दामन पकड़ा
शायद शब्दों की कमी पड़ गयी
तुम्हें समझाने को
तुम चुप रहकर भी कुछ कह गए
उसी ख़ामोशी में
एक पल के लिए ख़ामोश हो गयी
भरी ज़िंदगी उस ख़ामोशी में l
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