तेरी यादों के दीये चाँद हाथों में लिए
सोचते रहे रात भर
बिना पलक झपकाए एक पल भर
बैठा हूँ तेरी राह ए गुज़र पर
तू आये शायद इधर
निग़ाहें ठहरी है उसी रास्ते पर
तुझे दिल नहीं चाँद चाहिए पर
तेरी नज़र टिकी है उस पर
चाँद की चाहत है तुझे
अजब तेरी चाहत है भंवर
तू दागदार चाँद की दीवानी है मग़र
तुझे पाक साफ़ दिल की नहीं कोई क़दर l
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