इतना दु:ख मिला हमें कि धैर्य खो गए
सुख की प्रतीक्षा में अधीर हो गए l
सहारा देने का वचन तो दिया कुछ लोगों ने
पर देकर वचन वे लौटे नहीं घर जो गए l
मन में तो जगी आशा कई बार पर
बुझ गए दीये सब आशाओं के
तो फिर से हम वही पर सो गए
सुख की प्रतीक्षा में .......l
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