Khoobsurat alfaazon ka safar.....
दिल के आईने को फूलों से सजा रखा है
दिल में तेरी ही सूरत मूरत को बिठा रखा है
तू माने या ना माने तेरे लिए ही अब तक बचा रखा है
तूने भी ना जाने क्या ठान रखा है किसके लिए
अपना दिल अभी तक अपने पास छिपा कर रखा है
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