बुधवार, 14 जुलाई 2021

दिल के आईने

दिल के आईने को फूलों से सजा रखा है

दिल में तेरी ही सूरत मूरत को बिठा रखा है

तू माने या ना माने तेरे लिए ही अब तक बचा रखा है

तूने भी ना जाने क्या ठान रखा है किसके लिए

अपना दिल अभी तक अपने पास छिपा कर रखा है

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