Khoobsurat alfaazon ka safar.....
तेरी यादों के फूल अब किताबों में पाए जाते हैं
कभी नर्म हुआ करते थे, अब सूख कर झड़ जाते हैं
कभी हाथों की शान होती थी, बालों में महकती थी
अब तुम्हारी निशानियाँ किताबों में ही महकती हैं
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