गुरुवार, 9 दिसंबर 2021

" तुम्हारी याद "

तुम्हें भूलती ही कहाँ हूँ जो कहूँ कि

जब तुम याद आते हो

तो कैसा लगता है

मेरी सुबह होती हैं तुम्हारे साथ

शामें गुज़रती हैं तुम्हारी यादों के साथ

तुम मुझे तन्हा छोड़ते ही कब हो

जो आये मुझे हर पल तुम्हारी याद


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