सोमवार, 6 दिसंबर 2021

" रिश्ता "

एक रिश्ता जो अभी बन रहा था

टूटने लगा बनने से पहले

एक सहारे से उठते थे हम

गिर गए मग़र संभलने से पहले! 

जलाने लगे जो उम्मीदों के चिराग़

बुझा दिए गए जलने से पहले! 

सीखने लगे थे आप से मुस्कुराना, 

रुला दिया हमें हँसने से पहले! 

भिक्षा के लिए जो हमने झोली फैलायी, 

खींच लिया हाथ कुछ देने से पहले! 

परिभाषा जीवन की खोजने जो निकले,

ज़िंदगी छिन गयी जीने से पहले! 

एक महल बनाया सपनों की दुनिया में, 

गिर गया नींव रखने से पहले! 

क्या यही अर्थ होता है रिश्तों का, 

टूटना होता है इन्हें बनने से पहले!


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