सोमवार, 6 दिसंबर 2021

" तुम में रम जाऊँ "

आओ हो जलमग्न तुमसे लिपट जाऊँ मैं, 

रूह से रूह की तरह तुम में समां जाऊँ मैं

परी सी दिखती, तुम्हारा रसपान करूँ मैं,

सदियों से तुमसे मिलन की प्यास लिए मैं

तुमसे मिलकर अपनी प्यास बुझाऊँ मैं,

आओ आज करीब मेरे तुम में रम जाऊँ मैं


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