Khoobsurat alfaazon ka safar.....
लिख रही हूँ प्रेम की स्याही से चंद शब्द तुम्हारी याद में
तुम तक पहुँच जाए मेरी चाहत की पुकार, मेरे दिल से
स्याही मेरे प्रेम की कभी कम नहीं होगी प्रियतम मेरे
चाहे हो दिन के उजाले या हो काली रात के स्याह अंधेरे
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