Khoobsurat alfaazon ka safar.....
वो रिश्ते जो बेहद अज़ीज़ थे बेहद करीब थे मेरे
समय के चलते सब छोड़ कर चले गए हाथ मेरे
अब इन ख़ाली हाथों को देख कर सोचती हूँ कि
कितने गरीब और बेचारे रह गए नायाब रिश्ते मेरे
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